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आचार्य चाणक्य ने बताया कैसी औरत से विवाह नहीं करना चाहिए ?

 आचार्य चाणक्य ने बताया कैसी औरत से विवाह नहीं करना चाहिए।

 

मित्रो हिन्दू धर्म को विवाह को बहोत पवित्र रिश्ता माना जाता हे। श्दी दो लोगो का जीवन का सुखद जीवन होता है। जिसमे लड़का ओर लड़की कई सारे सपने देखते हे। अगर हम पुरुष के नजर से देखे तो एक पुरुष होने वाली पत्नी को लेकर वो कई बाटो पर ध्यान देता हे। इस विषय पर हम लेकर आए महान ऐसे चाणक्य के विचार हम आपके सामने प्रगत करने वाले हे ओर दुनिया के सामने रखे हुहे चाणक्य के विचार रखे हुहे है। जिसक अंतग्रत उन्होने अपने नीतिशाश्त्र मे बताया की पुरुषो को किस तरह माहिलायो से विवाह नहीं करना चाहिये वरना उसको भविष्य मे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता हे। आइए दोस्तो हम जानते की चाणक्य के अनुसार वो कौनसी स्त्रीया हे जिनसे पुरुषो को विवाह नहीं करना चाइए। मित्रो शादी के लिए एक स्त्री मे कैसे ऋण होने चाहिये ओर किस तरह की स्त्री के साथ हमे विवाह करना चाहिये तो आइए दोस्तो चाणक्य नीति मे उसका विस्तार से वर्णन किया गया हे। 

किस प्रकार की स्त्री के साथ विवाह करना चाहिये?

मित्रो बहोत सारे लोग खूबसूरटी के दीवाने होते हे। ये खुबसूरती जरूरी नहीं जो बहार से दिलकर्ष ओर बाहर से खुबसूरत दिख रहा होता हे वो अंदर से ही वैसा ही होता है। इसलिए अपने जीवनसाथी का सुनेने के लिए आपको तन की सुंदरता पर ध्यान देने के साथ साथ आपको उसको मन को जानना भी जरूरी होता हे। क्यू की समाजमे एसा देखा गया हे की समाज मे सुंदरता के मानव के तर्क हे की उनके अंदर एक अलग ही प्रकार का गरुर होता हे। इयसलिए चाणक्य ने स्त्री के लिए तन की खुबसूरती को नहीं बल्कि मन को चाणक्य ने प्राथमिकता दी है। यदि कोई पुरुष स्त्री की सुंदरता देखकर उसे परखता हे तो ओर उसे पसंद करके उसके साथ विवाह करता हे तो भविष्य मे उसको पछताना पड़ता हे। आश्रय चाणक्य के अनुसार बताया गया हे की जब आप विवाह के लिए आप बहोत ही खूबसूरूत की तुलानामे ज्यादा जरूरी हे की स्त्री के गुणो को परखा जाये ओर उसकी घरमे सब इज्जत करे ओर उसके अंदर गुणो का भंडार होना चहाइए ओर उसके अंदर एक संसकारी स्त्री का रूप हो ये सारे गुण एक स्त्री के अंदर होने चहाइ ओर आपको संस्कारी स्त्री से आपको विवाह करना चाहिये। चाणक्य के अनुसार वही स्त्री अपने विवाह के लिए बहुत ही अच्छी होती हे। जिसके संस्कार उच्च हो जो धार्मिक प्रवूति करती हो एसी स्त्री आपके परिवारकों बांध के रखेंगी ओर काठी काठी के वक्त पर आपके घर को बचा रखेंगी ओर घरकी इज्जत का ख्याल रखती हे। साथीही जो स्त्री धार्मिक कार्योमे होने वाली स्त्री आपके घर के वातावरण को थी तरह से आपके घरको ठीक रखेंगी। 

अधार्मिक गुणो वाली स्त्री की वजह से घरमे काले कलश का वातावरण बननेकी संभावना रहती हे। क्यूकी वो संस्कृति ओर परंपरा को निर्वाह नहीं करती ह। इसलिए एक पुएऊश के लिए अच्छा यही होंगा की आप एसी स्त्री से आप शादी से आप बस सके हे। चाणक्य के अनुसार आप एसी स्त्री से जो बहुत सुंदर भले ही नहीं हो बल्कि उसके संस्कार बहुत ही अच्छे होने चाहिये तो एसी स्त्री से आपको विवाह कर लेना चाहिए। क्यू की वह एक स्त्री हे जो आपका भविष्यय सुखद बनाए रकती हे। यदि आप लालसी स्त्री आप देखेंगे तो आपने समाज मे देखा होंगा की कौस स्त्री पैसा ओर दौलत के लिए घरमे बहू बनकर आती हे। इंका ध्यान हमेशा धन दौलत पर ही रहता हे। यदि आप नहीं जानते हो वो तो एसी स्त्री अपनी पतिकी कमय को दिल खोलकर पति की कमय को खर्च करती हे। एसी स्त्री नहीं चोसती हे की उनका पति कैसे दिनरात करके अपने घर के लिए गुजरना करता हे ओर एसी स्त्री अपने पर ही पैसा खर्च करती हे। चाणक्य ने कहा हे की एसी स्त्री को आपको जीवन साथी आप्क नहीं बनाना चाहिये। क्यूकी वैसी स्त्री पाने पति पर ज्यादा लगाव इसलिए रखती हे की वो पैसो के ललस के कारण ओर अपने पर ज्यादा पैसा खर्च करती हे इसलिए एसी स्त्री से आपको शादी करनी नहीं चाहिये ओर एसी स्त्री के साथ विवाह करने के बाद एक पुरुष बहुत ही पसताता हे। पैसो के लालस मे काही स्त्री सही गलत का भेद ही भूल जाती हे ओर आपको अपने समाजमे एसे आजूबाजू मे आपको एसे काही उदारण मिल जाते हे। 

नकारात्म संवाद करने वाली स्त्री। 

मित्रो जीवन साथी एसा होना चाहिये की जो हमेशा आपका होंचला बढ़ाए रखे ओर अभिप्रेरित करे। लेकिन कुस स्त्री एसी होती हे जो सदाय वो नकारत्मक ओर असंतोष वाल स्त्री होती हे। एसी स्त्री अपने भाग्य को खोजती रहती हे ओर एसेमे पति का मनोबल जल्दी ही टूट जाता हे ओर उसके घरमे अशांति फ़ेल जाती हे ओर वो भविष्य मे कोईभि अच्छा कार्य  नहीं करपाता हे। इसलिए चाणक्य कहते हे की एसी स्त्री से विवाह आपको विवाह करना नहीं चाहिए वरना आप अंदर ही अंदर आप घुमरी खाने लगंगे आप। विवाह आपको एसी स्त्री से करना चाहिए की जो दिनभर सकारत्म्क विचार करती रहती हे ओर चाहे कीटनाभि बुरा वक्त आजाए वो स्त्री आपको मानसिक सहारा ओर हिम्मत बढ़ें मे आपको मदद करने मे आए तो आप एसी स्त्री से आप विवाह करना मत भूल जाना आप। 

जो स्त्री गोपिनियता को तोड़ने वाली स्त्री । 

मित्रो जो स्त्री घरकी बाते घरमे ही समीन्त न रखे तो उसी स्त्री से आपको विवाह नहीं करना चाहिये। कुस स्ट्रिया एसी होती हे जो अपने पति के आए से लेकर जो स्त्री अपने दोनों मे जगड़े के बारे मे दूसरे को बताती हे तो आप एसी स्त्री से आप विवाह आपको करना नहीं चाहिए। इससे क्या होंगा की आपके समाज मे आपका काफी इज्जत चली जाती हे ओर अपने परिवार का अपमान कर देती हे। एसी बात को पता चलते ही आपके दुश्मन एसी बाटो से लेकर आपका बहौत बड़ा फायदा ले सकते हे ओर आप उसका कारण बन सकते हे इसलिए आपको एसी स्त्री से आपको शादी नहीं करनि चहाये। आपको एसी स्त्री से विवाह करना चहाए की जो स्त्री घर की बातों का राजही रखती हो। भले ही आपके घरमे मे कोई दिक्कत ही क्यू चल रही हो इसलिए आपको इस तरह की स्त्री से आपको शादी कर लाइनी चाहिए। इस समय मौजे रहीम का एक दोहा याद आता हे की ….

                                 रहिमन निज मन की कथा, मन ही रखो गोय,

                                 सुनी इठलैहै लोग सब बांटी न लेहै कोय। 

उसका अर्थ होता हे आपको अपनी मन कि बात आपको अपनी अंदर ही रहनी देना चाहिए। दूसरा दुख चुनकर आपको दया आणि चाहिये ओर इसी बांधकर दुख कम करने वाला कोई नहीं होता हे। तो मित्रो चाणक्य ने किस तरह बताया किया आपको किस तरह प्रकार की स्त्री से आपको विवाह करना चहाये। 

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