कलियुग चरम पर है, बचना है तो जानिए पुराणों की भविष्यवाणी।
नमस्कार दोस्तो हम आपका स्वागत करते हे। जानिए दोस्तो ज्योतिष ओर पौराणिक ग्रंथो मे युगो के माने अलग अलग होते हे। हमरी पौराणिक ग्रंथो के अनुसार हमरे चार युग होते हे। जिसमे हे सत्ययुग, त्रेतायुग,द्रापरयुग ओर कलयुग ये चार युग होते हे। कहते हे की कलयुग मे अपने पाप अपने चरण मे होंगा। वर्तमान मे यह काल अर्थात कलियुग चल रहा हे। ग्रंथो मे एस युग मे क्या क्या होंगा ये बात यह गरुड पुराण मे लिखा गया हुआ हे। इस युग मे जभी प्रलय होंगी तब सभी हरी कीर्तन ही मनुष्य जाती क्मो बचा सकता हे। तो आइए दोस्तो हम जानते हे की पुराणो मे कलियुग का व्याख्यान जानते हे ओर इस कलियुग मे हम कैसे सावधान रहे।
क्रम-1
पुराणो मे ये लिखा गया हे की जो व्यक्ति संगठन ओर समाज वेद विरुद्ध आसरण करता हे तो ओर भारतकी सांस्कृतिक ओर अखंडिता तो कोई नुकसान होंगा तो उसका आनेवाले समय मे उसका बिलकुल नाश हो जाएंगा। पुराणकार मानते हे की जैसे कलियुग आगे बढ़ेंगा वैसे वैसे भारतकी धरती पर वेद विरोधियो का शाशन होने लगेंगा। ये वैसे लोग होंगे जो जनता से जूठ बोलते होंगे ओर अपने कृतज्ञों द्रारा एक दूसरे की आलोचना करंगे ओर इन लोगो का कोई धर्म नहीं होंगा। वे सभी लोग विधर्मी होंगे ओर ये सभी लोग भारत को तोड़ंगे ओर अंतमे भारतको एक पराजित की भूमि को बनाकर वो लोग छोड़ देंगे।
क्रम-2
भागवत गीता मे लिखा गया हे की जब सभी वेदो को छोड़कर मनुष्य संस्कार तब शून्य हो जाएँगे तब एसे लोग सत्ता पर काबिज होंगे। जो सबके सब परले लोग जूठे अधार्मिक ओर स्व्यंप्रदान करनेवाले होंगे। दूसरे की स्त्री ओर धन हत्या लेने मे आपको प्रेरित करे ओर सदा उत्सुक रहंगे। नातो उसकी उम्र बढ़ेते देर लंगेगी की नाही तो घटनेमे ओर इनकी शक्ति ओर आयु कम हो जाएंगी। राजा के वेश मे वो मलेशि होंगे। वो लोग छोटी से बात को लेकर वो बड़े ही क्रोधित ओर आगबबूला हो जाएँगे। लूट हो चोरी करकर अपनी प्रजा को वो लोग खून सुचंगे। जब ऐसा शाशन देशमे होंगा तो तब प्रजा मे भी वैसा ही स्वाभाव आचरण ओर भाषण की वृद्धि होंगी। राजा लोग तो उनका शोषण तो करंगे ही ओर आपसमे वो लोग एकदूसरे से अपीड़ित होंगे ओर अंतमे सबके सब नष्ट हो जाएँगे।
क्रम-3
भविष्य उत्तर पुराण अनुसार बब्रामहा जी ने कहा की हे नारद ये भयंकर कलियुग आने पर ये मनुष्य का आचरण दुष्ट हो जाएंगा ओर योपगी भी दुष्ट चित वाले होंगे ओर संसार मे परस्पर एक दूसरे के अंदर विरोध फ़ेल जाएंगा ओए ज्यादतर राजामे वीरोध फ़ेल जाएंगा। खासकर ये राजामे चरित्रहीन आ जाएंगी। ओर देश देश ओर गवा गवमे ये कष्ट भुगतने पड़ेंगे। संतजन दुखी होंगे। ओर अपने धर्मकों छोड़कर वो दूसरे धर्माका आश्रय लेंगे ओर एकदूसरे के अंदर बहुत बड़ा संकट ओर धर्म विरोध बढ़ने लंगगे। जो इस दुनियामे देवता ओ का भी नष्ट हो जाएंगा ओर उनकाभि आशिवार्द भी आपको नहीं मिलेंगा। साथ ही मनुष्य की बूढ़ी धर्म से विपरीत चलती जाएंगी।
क्रम-4
महर्षि व्यास के अनुसार कलियुग मे मनुष्य के वर्म ओर आश्र्मम सबधित कोई समंती कोई नही करेंगा ओर वेदो का पालन आज के युग कोई भी नहि करेंगा। कलियुग मे धर्म का विवाह नहीं होंगे ओर सबको परेशानी से लड़ना पड़ेंगा। ओर शिष्य गुरु के आधीन अनहि होंगे क्यूकी जब लोग ये विपरीत परिस्थित मे गुजारा जाते हे तब उसे गुरुजी को मान ही क्यू देना इस दुनिया मे सब जूठे ओर परेशानी गुजर आते हे। ओर पुत्रभि अपने माता पिता का पालन नहीं करेंगा ओर सबको घर से निकाल कर आपने धर्म की इज्जत उतार कर ओ दूसरे धर्म मे चला जाएगा। कोई कैसा भी कुल मे पैदा क्यू नही पैदा होंगा वू तभी से ईसा कलियुग की तरह मिल जाएंगा। इस कलियुग के मे जिनके पास ज्यादा बलवान होंगा वही जगत का स्वामी बन जाएंगा ओर सबके उपर वो अपना राज चला जाएंगा ओर कोई भी उसको रोकने कोई मदद नहीं करङ्गा इसलिय इस कलियुग मे सभी तरह नहीं बल्कि आपको भजन कृतन ओर प्रभु के भजन आपको करना पड़ेंगा। इस कलियुग सभी के लोग कन्या को पैसा के रूप से क्ल्हरीद लेंगे ओर तब आपने भाई ओर बहन का विवाह करना पड़ेंगा ओर घर की आबरू को निकालकर सब अपना कारी मे व्यस्त रह जाएंगा। जब कलियुग मे जो भी बुरा साधु ओर वेशधारी साधु होकर धारण कर लेंगे तो उसकी जय जय कार होने लंगेगी।
क्रम-5
कलियुग एम जो भी लोग अपने पर बहुत नाज होने लगेंगे ओर आप आपने घर परिवार ओर एकदूसरे पर आप ईर्षा कर रहे होंगे। ओर थोड़ा सा धन आकार वो मनुष्य मे घमंड आने लगता हे ओर आपको इन सभी का ध्यान रखना हे। ओर कलियुग मे स्त्री को अपने केशव पर ही नाज आने लगता हे ओर अपने आप बहुत सुंदर कहने लगंगी ओर आपने आप पर बहोत ज्यादा घमंAड होने लगता हे। एक दूसरे से अपना रिश्ता कमजोर नहीं बनती हे बल्कि एकदूसरे से जगड़ने लगती हे ओर इस कलियुग एक स्त्री गरइब घर के का कितनाभि सुंदर होंगा तो भी उसे छोड़ देंगे ओर आप एक अमीर लड़के को आप बहुत पसंद आने लगता हे। उस दरिमियान जब स्त्री का स्वामी पुरुष नहीं बल्कि एक स्त्री बन जाएंगी ओर आपने आपको घरमे बहुत बड़ा ओर अपना हुकमत चलाएंगी। कलियुग के लोग प्रभुता केनामपर ही संबध रखेंगे।
कमाया गया हुआ धन गर्भनालें मे ही बह जाएंगा ओर इससे दान पून्य नहीं होंगा बल्कि अप धर्म के नाम पर आप बहुत बड़ा कलंक लगंगे। यदि आपका सारा धन आपके भोजनमे मे ही लंगेगा ओर आपको भोजन कुस नहीं मिलेंगा ओर आपको बहुत बड़ा ही आपका ना कर्माके नाम आएंगा ओर आप नर्क मे जाएंगा। इस कलियुग की स्त्री उनाका मन विलासता मे मन राहेंगा आपको ढेर सारी पनि इच्छामे ही अपना कारी रहेंगी ओर आपको बहुत बड़ा धोका डेकार वहा से चला जाएंगा। ओर अन्यानय का काम करने वाले इन सभी का मन की बाते उनकी आशशक्ति बहुत बड़ा पैदा होंगी ओर आपको संतुलित नहीं कर पाएंगे आप कलियुग मे आप अपना दावा लेकर ओर आफ्ना स्वार्थ का मनोभाव रखते हे। यदि एसा असलमे एसा कुस नहीं हिओ